मुसीबत: दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर दादरी-अजायबपुर रेलवे स्टेशन के बीच छह घंटे तक यातायात बंद, फ्लाई ओवर का चल रहा काम

अमर उजाला ब्यूरो, नोएडा
Published by: सुशील कुमार कुमार
Updated Sun, 11 Jul 2021 03:00 PM IST
सार
दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर दादरी और अजायबपुर रेलवे-स्टेशन के बीच डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर का रेलवे फ्लाई ओवर पुल बनने के लिए पुल की लॉन्चिंग के रेलवे का छह घंटे का ब्लॉक लेने पर रेलवे यातायात बंद है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर दादरी और अजायबपुर रेलवे-स्टेशन के बीच डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर का रेलवे फ्लाई ओवर पुल बनने के लिए पुल की लॉन्चिंग के रेलवे का छह घंटे का ब्लॉक लेने पर रेलवे यातायात बंद है। ट्रेनों की आवाजाही बंद होने से रेल यात्रियों को परेशानी हो सकती है।
उधर दूसरी तरफ, बिहार में बाढ़ के चलते रेल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ का पानी रेलवे ट्रैक पर आ गया है। जिसके चलते ट्रेनें कैंसिल करनी पड़ी है और कई ट्रेनों को रास्ता बदलकर चलाया जा रहा है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया था कि पूर्व मध्य रेलवे के सगौली-मझौलिया स्टेशनों के मध्य रेल पुल सं. 248 एवं सगौली यार्ड पर पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए, सगौली-नरकटियागंज रेल खंड पर यातायात बाधित होने के कारण मंडुवाडीह से 07 जुलाई 2021 को चलने वाली 05162 मंडुवाडीह-मुजफ्फरपुर तथा मुजफ्फरपुर से 05161 मुजफ्फरपुर-मंडुवाडीह स्पेशल निरस्त कर दी गई।
गौरतलब कि वाराणसी-मऊ रेलखंड के दोहरीकरण के लिए मिट्टी गिराए जाने से हुरमुजपुर गांव के दक्षिण छोर पर स्थित रेलवे फाटक तक जाने वाला मार्ग बंद हो गया है। इससे करीब एक दर्जन गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीणों को आने-जाने के लिए अब कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
खलीलपुर, बृंदावन, हुरमुजपुर, बरहा की यादव बस्ती, चौहान बस्ती, मुसहर बस्ती, साधापुर, बखारीपुर मौज सहित एक दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है। दोहरीकरण के चलते इन गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को आवागमन के लिए कोई रास्ता नहीं रह गया है। रेलवे लाइन के किनारे बसे इन गांवों के लोगों को हुरमुजपुर रेलवे हॉल्ट के पास बने अंडरपास तक जाने के लिए पैदल और वाहन से कोई रास्ता नहीं है। इन गांवों से प्राइमरी और माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने जाने वाले बच्चों और छात्र-छात्राओं के लिए भी परेशानी बढ़ गई है।
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